महाराष्ट्र में सरकार गठन की तस्वीर साफ हो गई है। शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे, विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश करने पहुंचे हैं। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि कांग्रेस शिवसेना और राकांपा को समर्थन देगी।
इससे पहले ही पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बहुमत जुटाने के लिए राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से होटल में मुलाकात की और सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत की। राकांपा और कांग्रेस ने शर्त रखी थी कि शिवसेना एनडीए से नाता तोड़ ले। शिवसेना के एकमात्र केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देकर यह शर्त भी पूरी कर दी।
सोनिया ने महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों से बात की
दिल्ली में चली बैठक के दौरान सोनिया ने जयपुर के होटल में ठहरे महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों से फोन पर बात की। राकांपा ने कहा था कि हमारे विधायक शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस बैठक के बाद जो फैसला लेगी.. वही हमें मंजूर होगा।
भाजपा-शिवसेना 30 साल में दूसरी बार अलग
भाजपा-शिवसेना के बीच 1989 में गठबंधन हुआ था। 1990 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ लड़ा था। 2014 विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दल अलग हो गए थे। दोनों दलों ने चुनाव भी अलग लड़ा। हालांकि, बाद में सरकार में दोनों साथ रहे। भाजपा-शिवसेना 30 साल में दूसरी बार अलग हो रहे हैं।